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भाजपा महासचिव ने माना- सूरत लोकसभा सीट से निर्दलीयों का नामांकन वापस हमने करवाया!

 25 Apr 2024

भाजपा राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए सूरत की लोकसभा सीट पर बड़ा ख़ुलासा किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने ही निर्दलीय सदस्यों को लोकसभा चुनाव से अपना नाम वापस लेने के लिए कहा था। नतीज़न सूरत से भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध लोकसभा के उम्मीदवार बन गये हैं। ख़बरों के मुताबिक़ कांग्रेस से उम्मीदवार रहे नीलेश कुंभानी का नामांकन रद्द होने के बाद उनका भाजपा में शामिल होना तय माना जा रहा है।


हमने तो बस अनुरोध किया था - भाजपा राष्ट्रीय महासचिव

अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू की एक रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने 23 अप्रैल को मीडिया से बात करते हुए कहा है कि सूरत में भाजपा ने ही निर्दलीयों को अपना नाम वापस लेने के लिए कहा था। यही कारण है कि सूरत लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध लोकसभा के सदस्य बन गये हैं। जब तावड़े से पूछा गया कि क्या भाजपा का राजनीतिक स्तर इतना गिर गया है, तो इसपर तावड़े कहते है इसमें राजनीति के स्तर गिरने जैसा कुछ है ही नहीं। उन्होंने कहा कि हमने सभी निर्दलीय प्रत्याशियों से लोकसभा की उम्मीदवारी से नाम वापस लेने का बस अनुरोध किया था, उसके बाद का निर्णय प्रत्याशियों का अपना है।

सूरत लोकसभा सीट पर कुल 15 नामांकन दाख़िल हुए थे। जिनमें कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और अन्य प्रत्याशी शामिल थे। रिपोर्ट के अनुसार, रिटर्निंग अधिकारी ने 6 सदस्यों के नाम ख़ुद खारिज कर दिए थे। बाकी अन्य 9 सदस्यों ने अपने नाम उम्मीदवारी से वापस ले लिया। जिसके बाद नियमों के हिसाब से मुकेश दलाल निर्विरोध चुन लिये गये।


भाजपा को थी कांग्रेस उम्मीदवार के नामांकन पत्र पर आपत्ति

रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के उम्मीदवार मुकेश दलाल के एजेंट रहे दिनेश जोधानी ने ही कांग्रेस के उम्मीदवार निलेश कुंभानी के कागजातों पर 3 हस्ताक्षरों को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज़ करवायी थी। इसके अलावा एक प्रस्तावक ने कुंभानी पर जालसाज़ी का भी आरोप लगाया था। ख़बरों के अनुसार, जिन चार प्रस्तावकों ने कुंभानी के नामांकन पर हस्ताक्षर किये थे, उन्होंने क्राइम ब्रांच के सामने पेश होकर प्रस्ताव वापस लेने का कारण भी बताया है।


नीलेश कुंभानी है लापता

ख़बरों के अनुसार, नीलेश कुंभानी जल्द ही भाजपा में शामिल हो सकते हैं। जैसे ही कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल होने की बात पता चली, उन्होंने कुंभानी के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया था।अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, नीलेश कुंभानी नामांकन रद्द होने के बाद से लापता चल रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व नेता प्रफुल्ल तोगाड़िया ने अख़बार को बताया है कि कुंभानी इस वक़्त गोवा में हैं, और तब तक रहेंगे जब तक भाजपा के साथ उनका समझौता पूरा नहीं हो जाता है।

नीलेश कुंभानी कांग्रेस पार्षद भी रहे हैं। उन्होंने साल 2022 में कांग्रेस की तरफ़ से विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था। लेकिन उनको सफ़लता नहीं मिली थी।